परिचय
मुल्ताई शहर के कुछ बैंक एवं शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पर्याप्त पार्किंग सुविधाओं के संचालित हो रहे हैं। अनेक स्थानों पर नियमानुसार आवंटित पार्किंग क्षेत्र नगण्य है या बिलकुल नदारद। इससे ग्राहकों को वाहन खड़े करने में कठिनाई के साथ-साथ सड़क किनारे अवैध पार्किंग से जाम, दुर्घटना और सार्वजनिक परिवहन बाधित हो रहा है। आइए इस समस्या के—वर्तमान स्वरूप, कानूनी-नियामक आधार, प्रभाव तथा समाधान—का विस्तार से विश्लेषण करें।

मौलिक समस्या
- बैंक शाखाएँ व व्यावसायिक भवन अपनी स्वयं की पार्किंग के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल आरक्षित नहीं कर रहे।
- कुछ परियोजनाएँ बिना अनुमति के भूमिगत बेसमेंट का निर्माण कर चुकीं।
- स्थानीय सरकारी सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण कर निजी वाहनों की पार्किंग की जा रही है।
- सड़क किनारे वाहन खड़े होने से यातायात अव्यवस्थित, पैदल यात्रियों एवं आम जनता के लिए सुरक्षा जोखिम बढ़ता है।
कानूनी एवं नियामक प्रावधान
1. आरबीआई एवं बैंक नियमन दिशा-निर्देश
आरबीआई की शाखा विस्तार नीति में प्रत्येक नई शाखा या एटीएम के लिए “पर्याप्त ग्राहक पार्किंग” की आवश्यकता उल्लेखित है। अनिवार्य पार्किंग क्षमताओं के अभाव में शाखा की मंजूरी निरस्त या निलंबित की जा सकती है।
2. नगर निगम एवं भवन अनुमति नियम
मुल्ताई नगर पालिकाकम्पनी (MPMC) की बिल्डिंग बायलॉज 2015 के अनुसार:
- व्यावसायिक स्थलों में न्यूनतम 15% भूमि पार्किंग के लिए आरक्षित करनी होती है।
- प्रस्तावित नक्शा (Building Plan) जमा करते समय पार्किंग लेआउट का अवलोकन अनिवार्य है। बिना पार्किंग के नक्शा स्वीकृत नहीं होता।
3. मध्यप्रदेश टाउन प्लानिंग एवं डेवलपमेंट एक्ट, 1973
इस अधिनियम की धारा 33 के अंतर्गत ज़ोनिंग नियम तय हैं। व्यावसायिक ज़ोन में पार्किंग चार्ज एवं पार्किंग क्षेत्र आरक्षित करना अनिवार्य किया गया है।
4. मोटर वाहन अधिनियम, 1988 एवं सड़क सुरक्षा
§177 के अंतर्गत “नियंत्रित ढंग से वाहन खड़े न करने” पर जुर्माना वसूला जा सकता है। §112 सड़क पर वाहन जाम से जनजीवन प्रभावित होने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान रखता है।
5. राजस्व भूमि अधिग्रहण एवं अतिक्रमण
मध्यप्रदेश की राजस्व संहिता के अनुसार सरकारी सार्वजनिक भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण या अतिक्रमण अवैध है। ऐसे अतिक्रमणों को तत्काल हटाने व संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार ठहराने का प्रावधान दर्ज है।
मुल्ताई क विश्लेषण
बैंक शाखाओं में पार्किंग व्यवस्था
- शहर के मुख्य बाज़ार एवं चौक-चौराहों में कम से कम 5 प्रमुख बैंकों की शाखाएँ हैं जिनमें पार्किंग लगभग शून्य।
- ग्राहक अपने वाहनों को सड़क किनारे खड़ा करते हैं, जिससे व्यावसायिक सड़क पर आवागमन बाधित होता है।
- नगर निगम द्वारा नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया में पार्किंग लेआउट की मॉनिटरिंग नहीं की गई।
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स एवं व्यावसायिक भवनों की स्थिति
- 2–3 मल्टीस्टोर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना बेसमेंट पार्किंग सुविधा के बने हुए हैं।
- अनुमोदित नक्शों में पार्किंग ब्रॉडर लाइन जरूर अंकित थी, पर स्वीकृति के बाद क्षेत्र बदल दिया गया।
अवैध बेसमेंट निर्माण
- कछु व्यावसायिक परिसरों ने बिल्डिंग लेआउट बदलकर बेसमेंट का निर्माण कर लिया, जबकि नक्शा में इसकी अनुमति नहीं थी।
- बेसमेंट का अप्रत्याशित निर्माण पार्किंग सुविधा में कटौती का एक तरीका बना।
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण
- नगरपालिका के बरामदे, फुटपाथ व स्थानीय पटवारी कार्यालय के आसपास सरकारी प्लॉट पर सीमेंट का लोहा डालकर स्थायी अतिक्रमण कर दिया गया।
- सरकारी भूमि पर अतिक्रमण से पूरी सड़क चौड़ाई कम हो गई, पैदल यात्री वाकपट पर असुरक्षित हैं।
समस्या का प्रभाव
यातायात अव्यवस्था
सड़क किनारे वाहनों की कतारें बन जाने से मुख्य मार्ग पर गाड़ियों का आवागमन धीमा होता है। इससे स्कूल बस, एम्बुलेंस या अग्निशमन गाड़ियों की भी आवाजाही प्रभावित होती है।
दुर्घटना एवं सुरक्षा जोखिम
गलत दिशा में घुड़दौड़ती स्कूटर एवं टैंकर जैसे भारी वाहन पार्किंग की कमी से सड़क मोड़ पर दुर्घटना का मुख्य कारण बन रहे हैं।
ग्राहकों एवं व्यवसायों को असुविधा
बैंक ग्राहक बैंकिंग लेन-देन अधूरे छोड़कर चले जाते हैं, दुकानदारों को ग्राहक खोने की शिकायत बढ़ी है, जिससे स्थानीय व्यापार प्रभावित हो रहा है।
समाधान एवं कार्रवाई योजना
1. नगर पालिका द्वारा सर्वे एवं निरीक्षण
- निकाय के मुखिया व आयुक्त त्वरित सर्वे कराएँ कि कितनी शाखाओं/भवनों ने पार्किंग नियमों का उल्लंघन किया।
- प्रत्येक शाखा/कॉम्प्लेक्स को 30 दिन में पार्किंग की मान्यता प्राप्त करने हेतु नोटिस जारी करें।
2. विभागीय समन्वय समिति
- नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, राजस्व एवं यातायात पुलिस की एक संयुक्त समिति गठित हो।
- अतिक्रमण हटाव, नक्शा संशोधन, अनुमति शर्तों का पुन: मूल्यांकन इसी समिति से कराया जाए।
3. विधिक कार्रवाई एवं पीआईएल
- मु.निगम/राजस्व विभाग में यदि नोटिस का पालन न हो, तो जनहित याचिका (PIL) सुप्रीम कोर्ट/उच्च न्यायालय में दाखिल की जा सकती है।
- बैंकिंग संचालन दिशा-निर्देशों (RBI) का हवाला देकर बैंक शाखाओं पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
4. वैकल्पिक पार्किंग समाधान
- तंग गलियों में “वर्टिकल स्टैकिंग” पार्किंग लिफ्ट जैसी त्वरित तकनीकी उपाय लागू किए जा सकते हैं।
- सामुदायिक पार्किंग स्थल चिन्हित कर, डिजिटल आरक्षण प्रणाली के माध्यम से ग्राहकों को समयबद्ध पार्किंग मुहैया कराई जाए।
5. सतत देखरेख व रिपोर्टिंग
- त्रैमासिक आधार पर जनता को विकास व अनुपालन रिपोर्ट ऑनलाइन एवं ज़िला कार्यालयों में उपलब्ध कराएं।
- “पार्किंग शिकायत पोर्टल” बनाया जाए जहाँ नागरिक 24×7 उल्लंघन की तस्दीक कर सकें।
निष्कर्ष
मुल्ताई जैसे विकासशील शहर में बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार स्वागत योग्य है, पर उसके साथ नियमबद्ध पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करना अनिवार्य है। बिना पार्किंग की शाखाएँ सार्वजनिक हित के विरुद्ध कार्य कर रही हैं। नगरपालिका, राजस्व एवं बैंकिंग नियामक मिलकर त्वरित कार्रवाई करें तो यातायात, सुरक्षा एवं नागरिक सुविधा तीनों ही पक्ष सुधरेंगे। अतिक्रमण हटाकर उचित पार्किंग व्यवस्था लागू करना—नियमों का पालन मात्र नहीं, बल्कि नागरिकों के जीवन के अधिकार (आर्टिकल 21) का सम्मान भी है। इस दिशा में तहसील स्तर से लेकर उच्च न्यायालय तक प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।
Courtesy-RAVI KHAVSE
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