Japan China Nuclear Weapons: चीन की सेना ताइवान पर हमले की तैयारी करने में जुट गई है। चीन ने बड़े पैमाने पर जंगी हथियार जमा कर लिए हैं लेकिन उसे बस खतरा जापान और अमेरिका से है। इसी को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि चीन जापान और अमेरिका को भी अचानक हमले में निशाना बनाएगा।
Japan China Nuclear Weapons: जापान और अमेरिका पर मिसाइलों की बारिश की तैयारी कर रहा चीन, एक्सपर्ट ने दी चेतावनी, क्या टोक्यो बनाएगा परमाणु बम?
Japan China Nuclear Weapons : टोक्यो: ताइवान को लेकर बढ़ रहे तनाव और सेनकाकू द्वीप पर विवाद के बीच चीन और जापान के रिश्ते रसातल में जाते दिख रहे हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद शांति की ओर बढ़ चुके जापान ने अब अपनी रक्षा के लिए खजाना खोल दिया है। जापान ने पिछले कई सालों की तरह से वर्ष 2024 के लिए भी भारी भरकम रक्षा बजट का ऐलान किया है। इससे चीन बौखलाया हुआ है।
जापान ने टॉमहॉक मिसाइल से लेकर एफ-35 फाइटर जेट को लेकर बड़ी प्लानिंग कर रखी है। जापान अपनी नौसेना को भी मजबूत कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि परमाणु हमले का सामना कर चुके जापान का यह डर यूं ही नहीं है। चीन जापान पर अचानक से हमला करने की तैयारी कर रहा है।
अमेरिकी एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के सीनियर फेलो डान ब्लूमेंथाल का कहना है कि चीन इस अचानक किए जाने वाले हमले में बहुत बड़ी तादाद में अमेरिका और जापानी सेना के सभी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलों की बारिश कर सकता है। उन्होंने कहा कि चीन के इस हमले का सीधा उद्देश्य यह होगा कि ताइवान पर कब्जा करने के उसके सैन्य अभियान को अधिक से अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
चीन की सेना पीएलए को ताइवान विजय के लिए हवा और समुद्र में अपनी बादशाहत कायम करनी होगी। जापान में ही अमेरिका की ज्यादातर सेना तैनात है और युद्धपोत भी मौजूद हैं लेकिन यह चीनी हमला तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत करा सकता है।
Japan China Nuclear Weapons: जापान और अमेरिका पर मिसाइलों की बारिश की तैयारी कर रहा चीन, एक्सपर्ट ने दी चेतावनी, क्या टोक्यो बनाएगा परमाणु बम?
चीन के पास मिसाइलों का सबसे बड़ा जखीरा
डान ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि चीन अपने पहले हमले में जापान में बहुत ज्यादा तबाही मचा सकता है। चीन ने जासूसी, निगरानी और सटीक हमला करने की बहुत जोरदार ताकत विकसित कर ली है। चीन के पास दुनिया में सबसे ज्यादा मिसाइलों का जखीरा है। विश्लेषक थॉमस शूगार्ट और तोशी योशीहारा का कहना है कि अगर चीन अचानक से हमला करता है तो वह जापानी द्वीप पर मौजूद अमेरिका के ज्यादातर सैन्य हथियारों को तबाह कर सकता है। यही नहीं अमेरिकी लड़ाकू विमानों को उड़ान भरने से रोक सकता है। साथ ही जापानी बंदरगाहों को भी घेर सकता है।
चीनी सेना ने अपने डॉक्ट्रिन में पहले हमला करके ताइवान पर भीषण हमला करने के लिए रास्ता तैयार करने की बात कही गई है। इस परिस्थति में चीनी सेना को हजारों की तादाद में अपने सैनिकों को समुद्री रास्ते से नौसैनिक युद्धपोतों और नागरिक जहाजों की मदद से ताइवान भेजना होगा। चीनी सेना अगर अमेरिका और जापान की सेना पर पहले हमला करके उनके ठिकानों को तबाह कर देती है तो हवा और समुद्र में उसका राज हो जाएगा। चीन को अपनी सेना ताइवान पहुंचाने के लिए इसकी बहुत जरूरत होगी। आधुनिक इतिहास में ऐसा कोई समुद्री अभियान दुश्मन की सेना और नौसेना के रहने की वजह से सफल नहीं हुआ है।
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जापान में परमाणु बम पर तेज हुई चर्चा
विश्लेषक डान कहते हैं कि इस अभियान में एक पेच है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग क्या दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान पर हमले का रिस्क उठा पाएंगे या नहीं। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से ऐसा कभी नहीं हुआ है जब अमेरिका या उसके सहयोगी देश जापान पर हमला हुआ हो। आलम यह रहा कि परमाणु बमों से भरा रूस भी यूक्रेन युद्ध के दौरान नाटो देशों पर हमला करने का साहस नहीं जुटा पाया है।रूस को काफी सैन्य नुकसान उठाना पड़ा है लेकिन उसने अमेरिका पर हमला नहीं किया जो यूक्रेन को सबसे ज्यादा हथियार दे रहा है।
डान ने कहा कि इसके बाद भी अमेरिकी सेना पर इस तरह के चीनी हमले का जोखिम रहेगा। इसी खतरे को देखते हुए कई जापानी विशेषज्ञ परमाणु बम बनाने का समर्थन कर रहे हैं। वहीं परमाणु हमले का सामना कर चुका जापान अब तक इससे दूर रहने का प्रण किए हुए है। अमेरिका अब तक परमाणु छतरी के लिए अमेरिका के एटम बमों पर भरोसा करता रहा है। साथ ही दुनिया को परमाणु बमों से मुक्त करने की मांग करता रहा है। यूक्रेन युद्ध के बाद अब जापान की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। इसको लेकर जापान में चर्चा भी होने लगी है।