सरकार ने ग्रेच्युटी पात्रता अवधि घटाकर 1 वर्ष की, पहले थी 5 वर्ष – नए श्रम संहिताओं के तहत बड़ा बदलाव

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सरकार ने ग्रेच्युटी पात्रता अवधि घटाकर 1 वर्ष की, पहले थी 5 वर्ष – नए श्रम संहिताओं के तहत बड़ा बदलाव


New Delhi: भारत सरकार ने श्रमिकों के हित में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब कर्मचारियों को ग्रेच्युटी पाने के लिए केवल 1 वर्ष की सेवा पूरी करनी होगी। पहले यह अवधि 5 वर्ष थी। यह बदलाव नए श्रम संहिताओं के तहत लागू हुआ है और 21 नवंबर 2025 से प्रभावी है।

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मुख्य बिंदु

  • ग्रेच्युटी पात्रता में बदलाव: अब कर्मचारी केवल 1 वर्ष की सेवा के बाद ग्रेच्युटी के हकदार होंगे।
  • कवरेज का विस्तार: स्थायी, अस्थायी, गिग और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स को भी लाभ मिलेगा।
  • महिला श्रमिकों के लिए प्रावधान: समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित किया गया है।
  • ठेका कर्मचारियों के लिए सुरक्षा: स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा लाभ देना अनिवार्य होगा।
  • एकीकृत ढांचा: 29 पुराने श्रम कानूनों को मिलाकर 4 श्रम संहिताएँ बनाई गई हैं –
  • वेतन संहिता (2019)
  • औद्योगिक संबंध संहिता (2020)
  • सामाजिक सुरक्षा संहिता (2020)
  • व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य परिस्थितियाँ संहिता (2020)

कर्मचारियों पर असर

  • निजी क्षेत्र को लाभ: आईटी, रिटेल, स्टार्टअप और सर्विस सेक्टर के कर्मचारियों को सबसे अधिक फायदा होगा।
  • करियर लचीलापन: अब कर्मचारियों को लंबे समय तक एक ही कंपनी में टिके रहने की मजबूरी नहीं होगी।
  • सामाजिक सुरक्षा: गिग और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स को पहली बार औपचारिक रूप से सामाजिक सुरक्षा का अधिकार मिलेगा।

सरकार का दृष्टिकोण
सरकार का लक्ष्य है:

  • श्रम कानूनों को आधुनिक बनाना।
  • पारदर्शी और श्रमिक-केंद्रित श्रम बाज़ार तैयार करना।
  • सामाजिक सुरक्षा और कल्याण को मजबूत करना।
  • आत्मनिर्भर भारत के विज़न को आगे बढ़ाना।

प्रतिक्रियाएँ

  • कर्मचारी यूनियनों ने इस कदम का स्वागत किया है।
  • उद्योग जगत का मानना है कि इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, हालांकि लागत बढ़ने की आशंका भी है।
  • नीति विश्लेषकों के अनुसार यह कदम श्रमिक कल्याण और औद्योगिक प्रतिस्पर्धा के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है।

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