ताज़ा खबर: लालू यादव के पारिवारिक विवाद पर बीजेपी का तीखा तंज – “जिस परिवार में बहू-बेटियों को बाल पकड़कर और चप्पल से पीटा जाता हो…”

RJD,बिहार

ताज़ा खबर: लालू यादव के पारिवारिक विवाद पर बीजेपी का तीखा तंज – “जिस परिवार में बहू-बेटियों को बाल पकड़कर और चप्पल से पीटा जाता हो…”

पटना, 16 नवंबर 2025 – राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में चल रही कलह अब खुले विवाद में बदल गई है। बेटी रोहिणी आचार्य द्वारा राजनीति से दूरी बनाने और परिवार से नाता तोड़ने के फैसले ने बिहार की सियासत को गरमा दिया है। इस घटनाक्रम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखा हमला बोला और राजद पर परिवारिक विवाद को लेकर तंज कसा।

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🔑 मुख्य बिंदु

  • रोहिणी आचार्य का त्याग: लालू यादव की बेटी रोहिणी ने हाल ही में राजनीति छोड़ने और परिवार से दूरी बनाने का ऐलान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार में उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ और उन्हें समर्थन नहीं मिला।
  • बीजेपी का हमला: भाजपा ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए कहा कि “जिस परिवार में बहू-बेटियों को बाल पकड़कर और चप्पल से पीटा जाता हो, उस परिवार से बिहार की जनता क्या उम्मीद कर सकती है?”
  • जंगलराज का संदर्भ: भाजपा ने यह भी कहा कि बिहार की जनता ने राजद को न चुनकर “जंगलराज” से खुद को बचा लिया।
  • अन्य प्रतिक्रियाएँ: चिराग पासवान ने रोहिणी के दर्द से सहानुभूति जताई, जबकि जेडीयू और साधु यादव ने इसे परिवार का निजी मामला बताया।

📌 राजनीतिक असर

लालू यादव के परिवार में लगातार विवादों ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। पहले तेज प्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या के बीच विवाद सुर्खियों में रहा, और अब रोहिणी आचार्य का परिवार से अलग होना विपक्ष को हमला करने का मौका दे रहा है।
बीजेपी इस विवाद को जनता के सामने “राजद की असली तस्वीर” बताने की कोशिश कर रही है। वहीं राजद समर्थक इसे निजी मामला कहकर राजनीतिकरण से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

📰 निष्कर्ष

लालू यादव का पारिवारिक विवाद अब केवल निजी मामला नहीं रहा, बल्कि बिहार की राजनीति में विपक्ष के लिए हथियार बन गया है। भाजपा का यह तंज कि “जिस परिवार में बहू-बेटियों को बाल पकड़कर और चप्पल से पीटा जाता हो…” ने सियासी बहस को और तेज कर दिया है।

👉 यह विवाद आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में और गहराई तक असर डाल सकता है, खासकर तब जब महागठबंधन पहले ही चुनावी हार से जूझ रहा है।

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