नक्सल सरगना माड़वी हिडमा की कहानी सिर्फ अपराध की नहीं, बल्कि उस भयावह छाया की है जिसने दशकों तक बस्तर और आसपास के इलाकों को दहशत में रखा।

🔴 हिडमा का परिचय
- शिक्षा: हिडमा ने केवल 5वीं तक पढ़ाई की थी।
- कद: उसका कद 5 फुट 5 इंच था।
- पहचान: वह नक्सलियों का सबसे खतरनाक चेहरा और 20 से अधिक हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था।
⚔️ खूनी सफर
- झीरम घाटी हमला (2013): इस हमले में कई वरिष्ठ नेताओं और जवानों की हत्या हुई, जिसका मास्टरमाइंड हिडमा था।
- 300 जवानों की हत्या: हिडमा पर आरोप है कि उसने अपने नेतृत्व में 300 से अधिक सुरक्षा बलों की हत्या करवाई।
- ग्रामीणों पर अत्याचार: सलवा जुडूम के दौरान उसने 31 निर्दोष ग्रामीणों को जिंदा जलाने जैसे जघन्य अपराध किए।
🌲 जंगल का भूत
- हिडमा को “बस्तर का मिथक” और “जंगल का भूत” कहा जाता था।
- वह दो दशकों तक बस्तर के जंगलों में माओवादी संगठन का प्रमुख रहा और गुरिल्ला युद्ध का सबसे भयावह कमांडर माना गया।
- उसकी रणनीति थी – घने जंगलों में छिपकर अचानक हमला करना और फिर गायब हो जाना।
🚨 अंत की कहानी
- 20 नवंबर 2025: आंध्र प्रदेश के मारेदुमिल्ली जंगल में सुरक्षा बलों ने 34 घंटे की कार्रवाई के बाद हिडमा को मार गिराया।
- उसके मारे जाने को सुरक्षा एजेंसियों ने लाल आतंक के सबसे बड़े अध्याय का अंत बताया।
- नक्सलियों के लिए वह “पोस्टर बॉय” था, और उसकी मौत के बाद संगठन की रणनीतिक ताकत बिखर गई।
📰 निष्कर्ष
हिडमा की कहानी यह दिखाती है कि कम शिक्षा और छोटे कद वाला व्यक्ति भी भय और हिंसा का प्रतीक बन सकता है, अगर उसके पास संगठन और रणनीति हो। लेकिन अंततः, सुरक्षा बलों की दृढ़ता ने इस खूनी अध्याय को बंद कर दिया।














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