कटनी जिले में सीवर लाइन घोटाले का संकट ? सड़कें टूटीं, सीवर लाइनें अधर में लटकीं – जनता की परेशानी बेकाबू

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(दैनिक मध्य प्रदेश समाचार द्वारा विशेष रिपोर्ट)
कटनी, मध्य प्रदेश | 29 नवंबर 2025 : मध्य प्रदेश के कटनी जिले में सीवर लाइन बिछाने के नाम पर चला आ रहे प्रोजेक्ट ने अब घोटाले की शक्ल ले ली है। एक साल पहले सड़कों को खोदकर सीवर लाइन बिछाने का दावा किया गया था, लेकिन न तो लाइनें पूरी तरह बनीं और न ही जो बिछाई गईं वे गुणवत्ता वाली साबित हुईं। सबसे दर्दनाक यह है कि सड़कों की मरम्मत आज तक नहीं हुई, जिससे आम नागरिक टूटे-फूटे रास्तों पर चलने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ठेकेदारों और अधिकारियों की सांठगांठ से करोड़ों के सरकारी फंड का दुरुपयोग हुआ है।

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यह विवाद मुख्य रूप से कटनी शहर के वार्ड नंबर 12, 15 और 18 , पाठक वार्ड, मदन मोदन मोहन चौबे वार्ड, बंशसुरुप वार्ड जैसे काई वार्ड  में केंद्रित है, जहां सड़कें खोदकर मिट्टी भर दी गई, लेकिन बहाली का कोई नामोनिशान नहीं।

एक स्थानीय निवासी रामेश्वर पटेल ने बताया, “नगर निगम ने कहा था कि सीवर लाइन के लिए सड़कें तोड़नी पड़ेंगी, हमने सहमति दी। लेकिन अब न लाइनें ठीक हैं, न सड़कें। बारिश में कीचड़ का सैलाब बन जाता है, बच्चे-बुजुर्ग खतरे में हैं। यह साफ घोटाला है।”


पत्रिका न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में ही कटनी नगर निगम ने सीवर लाइन बिछाने वाली कंपनी को नोटिस जारी किया था, क्योंकि काम मंथर गति से चल रहा था और गुणवत्ता पर सवाल उठे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी 2021 में जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन हाल के वर्षों में भी समस्या जस की तस बनी हुई है। इतना ही नहीं, खराब सीवर कार्य के कारण दो बच्चों की मौत जैसी दर्दनाक घटनाएं भी घटीं। इसी तरह, टाइम्स ऑफ इंडिया की 2017 की रिपोर्ट में कटनी हवाला घोटाले का जिक्र है, जो सरकारी फंड के दुरुपयोग की पुरानी परंपरा को उजागर करता है।


जांच से पता चला है कि 2024 में शुरू इस प्रोजेक्ट के लिए लगभग 25 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन काम 50% से भी कम पूरा हुआ। बिछाई गई पाइपलाइनें घटिया सामग्री से बनीं, जो बार-बार चोक हो रही हैं। नगर निगम अधिकारियों पर ठेकेदारों से कमीशन लेने के आरोप लग रहे हैं। एक पूर्व पार्षद ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हुआ। ठेकेदार ने 70% भुगतान ले लिया, लेकिन सड़क बहाली का कोई प्रयास नहीं।”


नई दुनिया की कटनी न्यूज रिपोर्ट्स में भी स्थानीय स्तर पर सड़कें टूटी होने और सीवर कार्य की लापरवाही की शिकायतें दर्ज हैं।स्थानीय लोगों ने जिला कलेक्टर को शिकायतें भेजी हैं, लेकिन कार्रवाई न होने से नाराजगी बढ़ रही है।

विपक्षी Congress नेता ने इसे “सरकार की विफलता” बताते हुए विधानसभा में मामला उठाने की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की “जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन” नीति की यह पहली बड़ी परीक्षा है।


नागरिक संगठनों ने 15 दिनों में सड़क मरम्मत न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। कटनी प्रशासन का कहना है कि जांच चल रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

ईटीवी भारत की रिपोर्ट में सतना जिले के समान सीवर प्रोजेक्ट की देरी का जिक्र है, जो कटनी जैसे मामलों की व्यापकता दर्शाता है।

मध्य प्रदेश लोकायुक्त का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान कटनी जैसे शहरों में कमजोर दिख रहा है। जिला पंचायत ने सड़क मरम्मत के लिए 5 करोड़ अतिरिक्त फंड मांगा है। न्यूज18 हिंदी की कटनी रिपोर्ट में अपराध घटनाओं के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर की खराब हालत को सुरक्षा खतरे से जोड़ा गया है।
स्थानीय विधायक ने ठेकेदारों पर FIR का वादा किया है। जनता का सवाल साफ है – सड़कें कब बनेंगी

(यह रिपोर्ट पत्रिका, टाइम्स ऑफ इंडिया, नाई दुनिया, ईटीवी भारत, न्यूज18 हिंदी और स्थानीय निवासियों के बयानों पर आधारित है। आगे अपडेट के लिए बने रहें।)

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