पणजी, २८ नवंबर २०२५: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गोवा के प्रसिद्ध श्री संस्थान गोकरण पार्टागली जीवोत्तम मठ में भगवान राम की एक भव्य ७७ फुट ऊँची कांस्य मूर्ति का अनावरण किया। यह समारोह मठ के ५५० वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा को चिह्नित करने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर था, जो इस पवित्र स्थल की आध्यात्मिक विरासत को नई ऊँचाई प्रदान करता है।




श्री संस्थान गोकरण पार्टागली जीवोत्तम मठ, जो दक्षिण गोवा के पार्टागली क्षेत्र में स्थित है, दक्षिण भारत के प्रमुख अद्वैत वेदांत परंपरा का केंद्र रहा है। इसकी स्थापना १४७४ ईस्वी में संत श्री नरहरि तीर्थ ने की थी, और आज यह हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है। मठ की ५५०वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित इस भव्य समारोह में हजारों भक्तों ने भाग लिया, जो राम जन्मभूमि आंदोलन की भावना से प्रेरित होकर एकत्रित हुए थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अनावरण समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा, “भगवान राम का यह प्रतिमा-स्वरूप न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा। श्री संस्थान गोकरण पार्टागली जीवोत्तम मठ जैसी प्राचीन संस्थाओं ने सदियों से भारतीय संस्कृति को संरक्षित रखा है, और आज हम उनकी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस करते हैं।” उन्होंने मठ के आध्यात्मिक योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि यह स्थल “राम भक्ति और वेदांत दर्शन का संगम” है।
मूर्ति का निर्माण विश्व-प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा किया गया है, जो उच्च गुणवत्ता वाले कांस्य से बनी है। इसकी ऊँचाई ७७ फुट रखी गई है, जो रामायण के ७७वें अध्याय का प्रतीक है, जहाँ भगवान राम का वनवास चित्रित होता है। मूर्ति के आसपास विकसित किए गए उद्यान और ध्यान केंद्र भक्तों के लिए एक शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करेंगे। गोवा सरकार और मठ प्रबंधन ने इस परियोजना के लिए लाखों रुपये का निवेश किया है, जिससे पर्यटन और आध्यात्मिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
समारोह में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय मंत्री, और मठ के प्रमुख संत श्री सत्संगी तीर्थ भी उपस्थित थे। उन्होंने पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अनावरण “गोवा की धार्मिक विविधता को मजबूत करेगा।” भक्तों ने भजन-कीर्तन और रामचरितमानस पाठ के माध्यम से उत्सव मनाया, जो पूरे दिन चला।
यह घटना न केवल धार्मिक महत्व की है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक एकता को दर्शाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मूर्ति से गोवा का धार्मिक पर्यटन में वृद्धि होगी, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा। श्री संस्थान गोकरण पार्टागली जीवोत्तम मठ अब राम भक्तों के लिए एक नया आकर्षण बन गया है।
(न्यूज डेस्क से रिपोर्ट)













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