मध्य प्रदेश में निवेश का नया अध्याय: हैदराबाद सत्र में 36,600 करोड़ के प्रस्ताव, 27,800 नौकरियां होंगी सृजित..

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मध्य प्रदेश में निवेश का नया अध्याय: हैदराबाद सत्र में 36,600 करोड़ के प्रस्ताव, 27,800 नौकरियां होंगी सृजित


हैदराबाद, 22 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश सरकार की निवेश आकर्षण अभियान को आज एक और बड़ी सफलता मिली है। यहां आयोजित ‘इंटरएक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज इन मध्य प्रदेश’ में विभिन्न क्षेत्रों के निवेशकों से कुल 36,600 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों से प्रदेश में करीब 27,800 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह सत्र मध्य प्रदेश के प्रोत्साहनकारी निवेश नीतियों की पुष्टि करता है, जो उद्योगपतियों को आकर्षित करने में लगातार सफल साबित हो रही हैं।
मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) और राज्य निवेश प्रोत्साहन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सत्र में दक्षिण भारत के प्रमुख उद्योगपतियों, स्टार्टअप संस्थापकों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सत्र का उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्चुअल माध्यम से किया, जिसमें उन्होंने निवेशकों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा, “मध्य प्रदेश एक उभरता हुआ निवेश गंतव्य है। हमारी नीतियां न केवल निवेश को प्रोत्साहित करती हैं, बल्कि उद्योगों को स्थापना से लेकर विस्तार तक हर कदम पर सहायता प्रदान करती हैं। आज प्राप्त प्रस्ताव प्रदेश की आर्थिक प्रगति की नई दिशा तय करेंगे।”

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प्रमुख निवेश प्रस्ताव: विविध क्षेत्रों में विस्तार
सत्र के दौरान प्राप्त निवेश प्रस्ताव विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं, जो मध्य प्रदेश की बहुआयामी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान देंगे। प्रमुख घोषणाओं में शामिल हैं:
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र: तेलंगाना की एक प्रमुख सौर ऊर्जा कंपनी ने 15,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव दिया है। यह परियोजना इंदौर और जबलपुर में सौर पैनल निर्माण इकाई स्थापित करेगी, जिससे 8,000 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। कंपनी के सीईओ ने कहा, “मध्य प्रदेश की सस्ती बिजली और भूमि उपलब्धता ने हमें आकर्षित किया। यहां की ‘सिंगल विंडो क्लियरेंस’ प्रणाली निवेश प्रक्रिया को सरल बनाती है।”

फूड प्रोसेसिंग और एग्री-बिजनेस: हैदराबाद की एक एग्री-टेक फर्म ने 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की, जो भोपाल और ग्वालियर में फूड पार्क विकसित करेगी। इससे 5,500 नौकरियां पैदा होंगी, खासकर ग्रामीण युवाओं के लिए। यह प्रस्ताव प्रदेश के कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, जहां मध्य प्रदेश पहले से ही गेहूं और दाल उत्पादन में अग्रणी है।

आईटी और स्टार्टअप इकोसिस्टम: सॉफ्टवेयर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEAI) के सदस्यों ने 7,500 करोड़ रुपये के आईटी हब स्थापना के प्रस्ताव रखे। भोपाल में प्रस्तावित ‘मध्य प्रदेश टेक सिटी’ से 4,000 हाई-स्किल्ड जॉब्स उत्पन्न होंगी। एक स्टार्टअप फाउंडर ने बताया, “मध्य प्रदेश सरकार की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में सुधार ने हमें विश्वास दिलाया। यहां टैक्स छूट और सब्सिडी योजनाएं वाकई प्रभावी हैं।”

मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोबाइल: अन्य प्रस्तावों में ऑटो कंपोनेंट्स और टेक्सटाइल क्षेत्रों से 4,100 करोड़ रुपये शामिल हैं, जो उज्जैन और रतलाम में इकाइयां स्थापित करेंगे। इनसे 10,300 रोजगार सृजित होने का अनुमान है।

सत्र में कुल 150 से अधिक निवेशकों ने भाग लिया, जिनमें रिलायंस, टाटा ग्रुप, अदानी एंटरप्राइजेज और स्थानीय दक्षिण भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधि प्रमुख थे। विशेषज्ञों के अनुसार, ये प्रस्ताव मध्य प्रदेश को ‘मिडिल स्टेट्स’ के रूप में भारत के निवेश मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेंगे।

प्रोत्साहनकारी नीतियां: निवेश का आधार
मध्य प्रदेश सरकार की ‘मध्य प्रदेश निवेश प्रोत्साहन नीति 2025’ ने इस सफलता का आधार तैयार किया है। इस नीति में भूमि अधिग्रहण में 100% सब्सिडी, पूंजीगत सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी और रोजगार सृजन पर अतिरिक्त प्रोत्साहन शामिल हैं। राज्य के वाणिज्यिक कर विभाग के अनुसार, पिछले दो वर्षों में प्रदेश में 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 70% कार्यान्वित हो चुके हैं।

उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तिगा ने सत्र के समापन पर कहा, “यह बड़ी सफलता है। हमारी प्रोत्साहनकारी नीतियों से प्रदेश में निरंतर निवेश आ रहा है। सभी निवेशकों का मध्य प्रदेश में हार्दिक स्वागत है। हम ‘इन्वेस्ट इन एमपी’ अभियान के तहत अगले वर्ष दिल्ली और मुंबई में भी ऐसे सत्र आयोजित करेंगे।”

भविष्य की संभावनाएं: आर्थिक उछाल की उम्मीद
ये निवेश प्रस्ताव न केवल रोजगार सृजन करेंगे, बल्कि प्रदेश की जीएसडीपी में 5-7% की वृद्धि भी सुनिश्चित करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य प्रदेश की केंद्रीय स्थिति, सस्ती श्रम शक्ति और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर (जैसे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर) इसे निवेश के लिए आदर्श बनाते हैं। आने वाले महीनों में इन प्रस्तावों पर एमओयू साइनिंग और ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह आयोजित होने की संभावना है।

मध्य प्रदेश सरकार ने निवेशकों के लिए एक डेडिकेटेड पोर्टल भी लॉन्च किया है, जहां वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह सत्र ‘इन्वेस्ट एमपी’ और ‘इन्वेस्ट इन एमपी’ अभियान का हिस्सा है, जो राज्य को भारत का अगला निवेश हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
(रिपोर्ट: विशेष संवाददाता)
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