सिंगरौली:अदानी समूह की परियोजना को लेकर जंगल कटान विवाद ने लिया राजनीतिक मोड़

Screenshot 2025 11 22 20 23 29 56 a23b203fd3aafc6dcb84e438dda678b6

सिंगरौली:अदानी समूह की परियोजना को लेकर जंगल कटान विवाद ने लिया राजनीतिक मोड़ बासी–बेडदहा इलाके में आदिवासी अधिकारों और पर्यावरण संरक्षण को लेकर बड़ा टकराव.

सिंगरौली ज़िले के बासी–बेडदहा क्षेत्र में आदिवासी समुदाय पीढ़ियों से अपने जल–जंगल–जमीन पर निर्भर रहा है। लेकिन अब इस इलाके में अदानी समूह की परियोजना को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि परियोजना के लिए लगातार जंगल काटे जा रहे हैं और विरोध को दबाने के लिए प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है।

📍 कांग्रेस नेताओं का घटनास्थल पर पहुँचना
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए कांग्रेस शहर अध्यक्ष प्रवीण सिंह चौहान, ग्रामीण अध्यक्ष सरस्वती सिंह और जिला कांग्रेस कमेटी सिंगरौली की टीम घटनास्थल पर पहुँची। उनका उद्देश्य था ग्रामीणों से सीधे संवाद करना, उनकी स्थिति समझना और सच को सामने लाना।

लेकिन जैसे ही कांग्रेस टीम आगे बढ़ने लगी, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ग्रामीणों तक पहुँचने से रोक दिया गया। इससे कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया।

विरोध और टकराव

  • कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी शुरू कर दी।
  • प्रशासन द्वारा लगाए गए बैरिकेट्स को हटाया गया।
  • विरोध तेज़ होते देख पुलिस ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन विवादित क्षेत्र को हर कीमत पर बंद रखना चाहता है और बाहरी लोगों को वहाँ जाने नहीं दिया जा रहा।

🌱 आदिवासी समुदाय की चिंता
आदिवासी समुदाय का कहना है कि जंगल कटान से उनका जीवन और आजीविका खतरे में पड़ जाएगी।

  • जंगल उनके भोजन, ईंधन और औषधियों का स्रोत है।
  • भूमि और जल उनके पारंपरिक अधिकारों से जुड़ा है।
  • उनका आरोप है कि परियोजना के नाम पर उनकी ज़मीन छीनी जा रही है।

🏛️ राजनीतिक असर
इस पूरे घटनाक्रम ने सिंगरौली में राजनीतिक हलचल तेज़ कर दी है।

  • कांग्रेस ने प्रशासन पर पक्षपात और दमन का आरोप लगाया।
  • स्थानीय लोग अब इसे अपने अधिकारों की लड़ाई मान रहे हैं।
  • जंगल कटान, आदिवासी अधिकार और प्रशासनिक कार्रवाई — ये तीनों मुद्दे अब राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बन गए हैं।

📌 निष्कर्ष
सिंगरौली का यह विवाद अब केवल पर्यावरण और आदिवासी अधिकारों तक सीमित नहीं रहा। पुलिस कार्रवाई और कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी ने इसे पूरी तरह राजनीतिक रंग दे दिया है। आने वाले दिनों में यह मामला प्रदेश की राजनीति में और भी बड़ा मुद्दा बन सकता है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *