मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने PG मेडिकल सीटों में लगभग 100% आरक्षण को असंवैधानिक करार देते हुए NEET PG काउंसलिंग पर रोक लगा दी। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा—‘शोले वाला डायलॉग यहाँ नहीं चलेगा’।

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PG सीटों में लगभग 100% आरक्षण! MP हाईकोर्ट ने कहा—‘शोले वाला डायलॉग नहीं चलेगा’, जानें पूरा मामला
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने PG मेडिकल सीटों में 50% से अधिक आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए काउंसलिंग प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई।
पृष्ठभूमि
- मध्य प्रदेश में NEET PG काउंसलिंग के दौरान विभिन्न श्रेणियों को मिलाकर आरक्षण का प्रतिशत लगभग 100% तक पहुँच गया।
- इससे सामान्य वर्ग के मेधावी छात्रों के लिए सीटें लगभग खत्म हो गईं।
- इस नीति को चुनौती देते हुए याचिकाएँ दाखिल की गईं, जिन पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की।
अदालत की टिप्पणी
- चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने कहा कि 50% से अधिक आरक्षण संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है।
- अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि “शोले वाला डायलॉग—‘कितने आदमी थे?’—यहाँ नहीं चलेगा।”
- इसका आशय था कि सरकार मनमाने तरीके से सीटों का बंटवारा नहीं कर सकती।
असर और निहितार्थ
- PG काउंसलिंग पर तत्काल रोक लग गई है, जिससे हजारों छात्रों की प्रक्रिया फिलहाल ठप हो गई।
- सामान्य वर्ग के छात्रों को राहत मिली है, क्योंकि अब मेरिट आधारित चयन को प्राथमिकता दी जाएगी।
- अदालत ने संकेत दिया कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर समान अवसर सुनिश्चित होना चाहिए।
निष्कर्ष
यह फैसला न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में मेडिकल शिक्षा की नीतियों पर गहरा असर डाल सकता है। अदालत ने साफ कर दिया कि लगभग 100% आरक्षण असंवैधानिक है और मेरिट को दरकिनार कर कोई भी नीति स्वीकार्य नहीं होगी।














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