नीतीश कुमार दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं; शपथ ग्रहण गांधी मैदान में आयोजित होगा और राष्ट्रीय नेतृत्व इसमें शामिल होगा.

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नीतीश कुमार को बिहार में रिकॉर्ड दसवीं बार मुख्यमंत्री चुना गया है, और उनकी शपथ ग्रहण समारोह पटना के गांधी मैदान में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री और शीर्ष NDA नेता शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.
शपथ ग्रहण समारोह
शपथ ग्रहण का आयोजन भव्य रूप से किया जा रहा है; समारोह में केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ राज्य के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति की उम्मीद है। समारोह की तारीख और समय सार्वजनिक कार्यक्रमों के अनुसार अंतिम रूप दिया जा रहा है, और तैयारियाँ जोरों पर हैं.
सरकार गठन और मंत्रिमंडल
शपथ के बाद मंत्रिमंडल का संतुलन और उप-मुख्यमंत्री पदों का निर्धारण सबसे बड़ी राजनीतिक चर्चा का विषय होगा। गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे और मंत्रीमंडल में भाजपा तथा JD(U) के प्रतिनिधित्व पर कड़ी निगाह रखी जा रही है.
राजनीतिक यात्रा और अनुभव
नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा लंबे समय से उतार-चढ़ाव और गठबंधन-रणनीति से भरी रही है; वे कई बार सत्ता से अलग हुए और फिर लौटे, जिससे उनकी छवि एक चालाक रणनीतिकार की बनी है। उनका प्रशासनिक अनुभव और गठबंधन कौशल बिहार की राजनीति में निर्णायक माना जाता रहा है.
चुनावी रणनीति और परिणाम
2025 विधानसभा चुनाव में NDA की बड़ी जीत और JD(U)-BJP के बीच सहयोग ने नीतीश की वापसी सुनिश्चित की। विश्लेषकों के अनुसार स्थानीय कल्याण योजनाएँ, संगठनात्मक मजबूती और सामाजिक समूहों के साथ जुड़ाव चुनावी सफलता के प्रमुख कारण रहे हैं.
आगे की चुनौतियाँ
दसवीं शपथ के बाद सरकार के सामने राज्य में विकास, प्रशासनिक स्थिरता और गठबंधन संतुलन बनाए रखना प्राथमिकता होगी। मंत्रिमंडल गठन, नीति प्राथमिकताएँ और सामाजिक-आर्थिक सुधारों पर तेज़ी से काम करना उनकी अगली बड़ी जिम्मेदारी होगी.














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