Lack of hemoglobin: एनएफएचएस 5 के आंकड़ों पर गौर करें तो 15-49 वर्ष तक की 57 फीसदी महिलाएं एनीमिक पाई गई हैं। जबकि एनएफएचएस- 4 में यह आंकड़ा 53.1 फीसदी था। वहीं, अगर 15-19 साल की किशोरियों की बात करें तो 59.1 फीसदी किशोरियों में एनीमिया की शिकायत पाई गई है।
प्रोटीन हमारे न्यूट्रिशन का महत्त्वपूर्ण घटक है। यह मांसपेशियों, अंगों, त्वचा, एन्जाइम सभी के लिए जरूरी हैं। (Lack of hemoglobin )अगर पोषण की बात करें तो महिलाओं में प्रोटीन की कमी भी पाई जाती है। उसकी वजह से उन्हें कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। प्रोटीन की वजह से महिलाएं कुपोषण से ग्रसित हो जाती हैं। उनमें एनिमिया होने का एक कारण प्रोटीन को भी माना जाता है। क्योंकि हीमोग्लोबिन की कमी होने में प्रोटीन की भूमिका भी होती है।
कुपोषण से त्वचा पर असर(Lack of hemoglobin )
महिलाओं में प्रोटीन की कमी के चलते वे कुपोषण का शिकार होती हैं। इससे उनकी त्वचा ढीली पड़ जाती है और उसमें झुर्रियां आने लगती हैं, साथ ही ग्लो भी चला जाता है। थकान-कमजोरी भी इसकी वजह से होती है। कई बार महिलाओं को हाथ-पैरों व आंखों के नीचे सूजन की शिकायत भी होती है।
मां-बच्चे के लिए जरूरी
गर्भावस्था में भी प्रोटीन बेहद जरूरी है। यूट्रस का आकार बढऩे के लिए टिश्यू ग्रोथ अधिक होनी चाहिए। इसके लिए प्रोटीन आवश्यक है। बच्चे के विकास पर इससे असर पड़ता है। दूसरा गर्भस्थ शिशु की इम्युनिटी भी प्रभावित होती है।
प्रोटीन बढ़ाने के तरीके अपने आहार में उन चीजों को शामिल करें, जिनसे प्रोटीन मिलता है, जैसे दूध, दालें, बीन्स, टोफू-पनीर, पीनट बटर, क्विनोआ आदि।
(Lack of hemoglobin )
साबुत अनाज का प्रयोग करें। ब्राउन राइस खाएं। खाने में सीड्स जैसे चिया और सन फ्लॉवर सीड्स का उपयोग बढ़ाएं।स्नैक्स के समय आलू चिप्स की बजाय नट्स खाएं।
(Lack of hemoglobin )
प्रोटीन शेक एक आसान और सुविधाजनक तरीका है, जिससे आप अपनी प्रोटीन की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।